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Showing posts from May, 2022

টলি কুইন ঋতুপর্ণার হাত ধরে মহেশতলায় উদ্বোধন হলো মাল্টিপার্পাস স্টুডিও সিন্ড্রেলা

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কলকাতা, নিজস্ব প্রতিনিধি :  গত বৃহস্পতিবার মহেশতলায় " সিন্ড্রেলা " নামক এক মাল্টিপার্পাস স্টুডিও'র উদ্বোধন করলেন স্বনামধন্য অভিনেত্রী ঋতুপর্ণা সেনগুপ্ত। অত্যাধুনিক প্রপস সমৃদ্ধ ১২০০ স্কোয়ার ফুটের এই ভিডিও ফটোগ্রাফি ও  স্টিল ফটোগ্রাফি স্টুডিও'য় রয়েছে আধুনিকতার ছোঁয়া, পাশাপাশি রয়েছে ২টি বড় সেটাপ রুম, ২টো মেকাপরুম। আধুনিকযুগে ক্যামেরার ধরণ যেমন বদলেছে তেমনি পাল্লা দিয়ে পরিবর্তন হচ্ছে ফটোগ্রাফির কারিগড়ি। আর সেই ভাবনাকে মাথায় রেখে বেহালা চৌরাস্তার নিকটে মহেশতলার রায়পুর ঝাউতলা এলাকায় " সিন্ড্রেলা " - র আত্মপ্রকাশ এমনটাই মনে করেন সিন্ড্রেলা'র পার্টনার প্রসিদ্ধ ফটোগ্রাফার দেবজিৎ চক্রবর্তী। এদিন উদ্বোধনী অনুষ্ঠানে অভিনেত্রী ঋতুপর্ণা সেনগুপ্ত  জানান, " আমি প্রথমে ভেবেছিলাম এই স্টুডিওটি খুব দূরে হবে কিন্তু আসার পর দেখলাম এটা এমন কিছু দূরে নয়, এখানে আসতে পেরে আমার খুবই ভালো লাগছে। ব্যাকগ্রাউন্ড থেকে শুরু করে এখানে খুব সুন্দর অত্যাধুনিক টেকনলজি, বিভিন্ন ধরনের আলোর ব্যবহার করা হয়েছে যা সত্যি অসাধারণ। আমি আশা করব সিন্ড্রেলায় খুব ভালো ভালো কাজ হবে, হ...

कोलकाता में पहला मियावाकी फॉरेस्ट

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कोलकाता, (नि.स)l  जंगल दुनिया भर में नष्ट हो रहे हैं. ऐसे में एक सवाल ये है, जंगलों को सुरक्षित करना है, इन्हें पुर्नजीवित करना है, उन्हें उगाना है और स्वस्थ बनाना है. तो क्या किया जाये. एक ऐसी ही तकनीक है मियावाकी. यह वनरोपण की एक विशेष जापानी तकनीक है, जिसके सहारे वन विकसित किया जा सकता है. यह 10 गुना तेज़ी से उगता है और 30 प्रतिशत से भी ज़्यादा घना होता है. इस तकनीक को जापानी वनस्पति शास्त्री अकीरा मियावाकी ने विकसित किया है. पौधों को पास-पास उगाकर घना वेज़ीटेशन किया जाता है.  इसी बीच इनर व्हील क्लब ऑफ कलकत्ता मेट्रो मैदान (डिस्ट्रिक्ट 329) और ग्रीन लाइफ फाउंडेशन एक साथ मिलकर राजारहाट में मियावाक़ी पद्धति अपनाकर जंगल विकसित करने का बीड़ा अपने कंधों पर उठा लिया है. इस प्रोजेक्ट को सम्पूर्ण रुप से एनकेडीए सहयोग कर रहे हैं. आज इसका उद्घाटन बिधाननगर म्युनिसिपल कार्पोरेशन की मेयर श्रीमती कृष्णा चक्रवर्ती के हाथों हुआ . मौके पर संस्था की अध्यक्ष नीतू जालान ने कहा, कुल मिलाकर 8000 वर्ग फुट क्षेत्र में पेड़ लगाए जाएंगे. देसी पेड़ों को यहां लगाया जाएगा. मसलन सर्ब, बुशेस इत्यादि.  उन्...